"यदा सत्त्वे प्रवृद्धे तु..." इत्यस्य संस्करणे भेदः
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(लघु) 14.14 यदा सत्वे प्रवृद्धे….. १४.१४ यदा सत्वे प्रवृद्धे….. प्रति प्रविचलित। |
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पङ्क्तिः २८:
*[[भगवद्गीता]]
[[वर्गः:भगवद्गीता]]
[[वर्गः:१४. गुणत्रयविभागयोगः]]
[[als:Bhagavad Gita]]
[[ar:البهاغافاد غيتا]]
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