"११. विश्वरूपदर्शनयोगः" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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पङ्क्तिः ८:
:[[मन्यसे यदि तत् - 11.4|11.4 मन्यसे यदि तत्]]
:[[पश्य मे पार्थ - 11.5|11.5 पश्य मे पार्थ]]
{{भगवद्गीता}}▼
:[[पश्यादित्यान् वसून् -11.6|11.6 पश्यादित्यान् वसून्]]
:[[ह्हैकस्थं जगत् - 11.7|11.7 ह्हैकस्थं जगत्]]
:[[न तु मां शक्यसे - 11.8|11.8 न तु मां शक्यासे]]
▲{{भगवद्गीता}}
:[[एवमुक्त्वा ततो - 11.9|11.9 एवम्जुक्त्वा ततो]]
:[[अनेकवक्रनयनं - 11.10|11.10 अनेक वक्रनयनं]]
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