'''एलोरा''' या '''एल्लोरा''' (मूल नाम वेरुल) एक पुरातात्विक स्थल है, जो [[भारत]] में [[औरंगाबाद]], [[महाराष्ट्र]] से 30 कि.मि. (18.6 मील) की दूरी पर स्थित है। इन्हें [[राष्ट्रकूट वंश]] के शासकों द्वारा बनवाया गया था। अपनी स्मारक गुफाओं के लिये प्रसिद्ध, एलोरा [[युनेस्को]] द्वारा घोषित एक [[विश्व धरोहर स्थल]] है।
१२ बौद्धगुहाः (१-१२ गुहाः), ५ जैनगुहाः (३०-३४ गुहाः), १७ अन्यदेवगुहाः (१३-२९ गुह्याः) च एकत्र एव निर्मिताः यत् तत् भारतीयेतिहासस्य धार्मिकसामरस्यं द्योतयति । अत्रत्या अखण्डशिलया उत्खाता महाकैलासगुहा (गुहा-१६) जगत्प्रसिद्धा वर्तते ।
विविधमतसम्बद्धाः गुहाः एकत्र निर्मिताः यत् तत् भारतीयानां परमतसहिष्णुतायाः प्रत्यक्षम् उदाहरणं वर्तते ।एतेन एव कारणेन १९८३ तमे वर्षे युनेस्कोसंस्थया एल्लोरीयाः गुहाः [[जागतिक पारम्परिकस्थल]]त्वेन घोषिताः ।
एलोरा भारतीय पाषाण शिल्प स्थापत्य कला का सार है, यहां 34 "गुफ़ाएं" हैं जो असल में एक ऊर्ध्वाधर खड़ी चरणाद्रि पर्वत का एक फ़लक है। इसमें [[हिन्दू]], [[बौद्ध]] और [[जैन]] गुफ़ा मन्दिर बने हैं। ये पांचवीं और दसवीं शताब्दी में बने थे। यहां 12 बौद्ध गुफ़ाएं (1-12), 17 हिन्दू गुफ़ाएं (13-29) और 5 जैन गुफ़ाएं (30-34) हैं। ये सभी आस-पास बनीं हैं, और अपने निर्माण काल की धार्मिक सौहार्द को दर्शाती हैं।