"अभिज्ञानशाकुन्तलम्" इत्यस्य संस्करणे भेदः

No edit summary
No edit summary
पङ्क्तिः १२२:
| ०२ || || ५.४
|}
 
छन्द: - [[उपजाति:]]
{| class="wikitable"
|-
! शीर्ष पाठ !!पद्यम् !! सन्दर्भ:
|-
|०१|| शमप्रधानेषु तपोधनेषु गूढं हि दाहात्मकमस्ति तेज:।स्पर्शानुकूला इव सूर्यकान्तास्तदन्यतेजोऽ भिभवाद्वमन्ति॥||२.७
|-
|०२|| पद्यम् || ३.४
|-
|०३|| पद्यम् || ५.५
|-
|०४|| पद्यम् || ५.२०
|-
|०५|| पद्यम् || ५.२५
|-
|०६|| पद्यम् || ६.१०
|-
|०७|| पद्यम् || ६.२४
|-
|०८|| पद्यम् || ६.२६
|-
|०९|| पद्यम् || ७.२
|-
|१०|| पद्यम् || ७.५
|-
|११|| पद्यम् || ७.१९
|-
|१२|| पद्यम् || ७.३१
|}
 
 
 
 
 
"https://sa.wikipedia.org/wiki/अभिज्ञानशाकुन्तलम्" इत्यस्माद् प्रतिप्राप्तम्