"मीराबाई" इत्यस्य संस्करणे भेदः

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पङ्क्तिः ३२:
 
== मीरायाः कृतयः ==
 
=== मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो न कोई ===
<poem>
मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो न कोई।कोई ।
जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई।सोई ।
तात मात भ्रात बंधु आपनो न कोई॥।कोई ॥।
छाँड़ि दी कुल की कानि कहा करिहै कोई।कोई ।
संतन ढिंग बैठि-बैठि लोक लाज खोई॥खोई ॥
चुनरी के किये टूक ओढ़ लीन्ही लोई।लोई ।
मोती मूँगे उतार बनमाला पोई॥पोई ॥
अँसुवन जल सींचि सींचि प्रेम बेलि बोई।बोई ।
अब तो बेल फैल गई आणँद फल होई॥होई ॥
दूध की मथनियाँ बड़े प्रेम से बिलोई।बिलोई ।
माखन जब काढ़ि लियो छाछा पिये कोई॥कोई ॥
भगत देख राजी हुई जगत देखि रोई।रोई ।
दासी "मीरा" लाल गिरिधर तारो अब मोही॥मोही ॥
 
- मीराबाई
 
=== पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायो ===
 
पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायो।
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- मीराबाई
 
=== पग घूँघरू बाँध मीरा नाची रे ===
 
पग घूँघरू बाँध मीरा नाची रे।
"https://sa.wikipedia.org/wiki/मीराबाई" इत्यस्माद् प्रतिप्राप्तम्