"अङ्गप्रत्यारोपणम्" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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पङ्क्तिः ४०:
जीवित व्यक्ति कुछ ही अंग दान कर सकते हैं परन्तु मृत या 'ब्रेन डेड' व्यक्ति से अनेक अंग प्राप्त किये जा सकते हैं। 'ब्रेन डेड' व्यक्ति वह होता है, जिसके समस्त अंग ठीक हैं परन्तु उसका मस्तिष्क मर चुका होता है तथा उसके मस्तिष्क के पुनर्जीवित होने की कोई संभावना नहीं होती है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति के मस्तिष्क की शरीर के अंगों को सूचना देने का सार्मथ्य (ताकि शरीर के अंग अपना महत्वपूर्ण कार्य जैसे सांस लेना, संवेदनशीलता, आज्ञात्मकता समाप्त हो जाता है। ऐसे लोगों को 'वेन्टिलेशन' पर रखा जाता है ताकि अंगों का आक्सीजेनेशन सुचारु रहे तथा जब तक उन्हें निकाल न लिया जाये तब तक अंग स्वस्थ स्थिति में रह सकें।
मानव अंगों और 'टिश्यूज' की मांग और आपूर्ति में बहुत बड़ा अंतराल है। इस अंतराल का सबसे बड़ा कारण है कि समाज में जागरूकता की कमी तथा 'ब्रेन डेथ' को स्वीकार न करना। 'ब्रेन डेड' की स्थिति में मरीज के परिजनों को लगता है कि यदि दिल धड़क रहा है तो मरीज के ठीक होने की संभावना है और फिर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर उसके अंगदान की बात कैसे शुरू कर दी। लेकिन यह सोच गलत है। 'ब्रेन डेड' होने का अर्थ ही यह है कि इंसान अब वापस नहीं आ पायेगा और इसीलिए उसके अंगों का दान किया जा सकता है।
==कानूनी प्रक्रिया==
पङ्क्तिः ४९:
* [http://www.ustransplant.org/ अङ्ग्प्रत्यारोपणस्य अतिजीवनस्य मूल्यम्]
* [http://www.medicalindiatourism.com/multi-organ-transplant/ अनेकाङ्गप्रत्यारोपणम्]
* [http://www.chp.edu/centers/03liver_trans_procedure.php यकृत् प्रत्यारोपणम्
* [http://www.organtransplants.org/ आन्लैन् एजुकेशन् डाक्युमेण्टरी]
* [https://archive.org/details/gov.hhs.hrsa.hrs00456.2.1 वैज्ञानिक चमत्कारः]
पङ्क्तिः ५८:
[[वर्गः:चिकित्साः]]
[[वर्गः:स्टब्स् भारतसम्बद्धाः]]
[[वर्गः:सर्वे अपूर्णलेखाः]]
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