"महाभारतम्" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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! क्र.सं !! पर्व !! अध्यायाः !! श्लोकाः
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| १ || [[आदिपर्व]] || २२७ || ८८८४
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| २ || [[सभापर्व]] || ७८ || २५५१
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| ३ || [[वनपर्व]] || २६९ || ११६६४
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| ४ || [[विराटपर्व]] || ६७ || २०५०
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| ५ || [[उद्योगपर्व]] || १८६ || ६६९८
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| ६ || [[भीष्मपर्व]] || ११७ || ५८८४
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| ७ || [[द्रोणपर्व]] || १७० || ८९०९
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| ८ || [[कर्णपर्व]] || ६९ || ४९६४
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| १८ || [[स्वर्गारोहणपर्व]] || ५ || २०१
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हरिवंशोनाम खिलपर्वापि योजयित्वा आहत्य १९३६ अध्यायाः १६८३६ श्लोकाश्च सन्ति महाभारते।अस्मिन् महाभारते एव विदुरनीतिः सनत्सुजातीयम् भगवद्गीता अनुगीत चेति चत्वारः तत्त्वोपदेशग्रन्थाः भवन्ति। विदुरनीतिः द्योगपर्वणि ३३ तः ४० अध्यायपर्यन्तम् भवति। सनत्सुजातीयं द्योगपर्वणि ४९ तः ४६, पर्यन्तम् भगवद्गीता भीष्मपर्वणि २५ तः ४२ पर्यन्तम् अनुगीता अश्वमोधीकपर्वणि १६ तः५१ पर्यन्तम् च वर्तते।
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