"विकिपीडिया:प्रयोगपृष्ठम्" इत्यस्य संस्करणे भेदः

No edit summary
(प्रवर्तमानम्)
अङ्कनानि : रिक्त Manual revert
पङ्क्तिः १:
'''कन्नड साहित्यशास्त्रम'''
 
भारतस्य कर्नाटक राज्ये अधिकतम प्रयुक्त: " कन्नड भाषा साहित्य "| कन्नड भाषा ' '''द्राविड भाषा''' ' इति वर्गे जात: | आधुनिक भारते अति प्रायस्य भाषायां ' कन्नड भाषा ' द्वितीय स्थाने अस्ति | भारत दॆशे, कन्नड साहित्यस्य सम्प्रदाय: तृतीय स्थाने अस्ति |कन्नड भाषायां सामान्यत: त्रीणि भाषा-विज्ञान क्षणनि सन्ति | ते :- पुरातन कन्नड, मद्यम कन्नड, आधुनिक कन्नड च |कन्नड भाषया: साहित्यक लक्षणे अपि त्रीणि प्रकारा: सन्ति, ते :- '''जैन, वीरशैव, वैष्णव:''' च | ऎतानि भाषया: शास्त्रीय अभिव्यक्तिं प्रसिद्धाता लक्षते |
 
कन्नड लेखनस्य प्रप्रथम उदाहरणं " '''ताळगुन्द सिंहकटाञ्जन शासने''' " प्राप्तं अस्ति | प्रसिद्ध '''बादामि शासने''' अपि उदाहरणं प्रप्तंम् अस्ति | कविराजमार्गेण द्वादश शतक पर्यन्तं, कन्नड भाषाया: साहित्यं जैन: यॊजितं कृतवान | तान् ऎव चालुक्ये, गङ्गे , राष्ट्रकूटे च उत्सुक संरक्षकं उपलब्धं अकुर्वन् |
यद्यपि कविराजमर्ग:, नृप: अमोघवर्षस्य विराज्ये निबद्धं अभवत् , ऎतद् साहित्यं कन्नड साहित्ये अत्यन्त पुरातनकारी अस्ति | ऎथद् साहित्यं कन्नड भाषायां प्रथम पुस्तकं अस्ति | अस्मिन् पुस्तके कन्नड काव्यं, काण्ड जनाङ्ग: , कन्नदराज्यं च प्रति कथयति |
 
'''पुरातन कन्नड :-'''
कन्नड साहित्य चरित्रे, दश शतकात द्वादश शतकस्य वेलां पर्यन्तं पुरातन कन्नड्ं इति उच्च्यते | अस्मिन् वेला '''" आदि काव्य "''' इति अपि उच्च्यते |'''" पम्प: "''' अस्मिन् काले प्रसिद्ध कवि आसीत् | पम्पस्य " '''विक्रमार्जुन विजय: "''' अद्यपि "अत्युपन्नकृति " इति एव प्रसिद्धं अस्ति |
 
'''मध्यम कालस्य कन्नड :-'''
एतद् साहित्ये अनेक नूतन साहित्य प्रकाराणि सन्ति | अस्मिन् काले , रगले, साङ्गत्य च प्रसिद्ध: | '''हरिहर: रागवाङ्क्:''' च बहु प्रसिद्ध लीखिक: आसीत् | अन्य त्रीणि प्रकाराणि सन्ति , ते:- वचन साहित्य, कुमारव्यास , दास साहित्य च |
 
'''आधुनिक कन्नड :-'''
आधुनिक / नवदोयस्य अर्तं नूतनं इति अर्थ: | ब्रिटीश् राज्यकारस्य प्रारम्बिक काले अधिकतम प्रयुक्त: एतद् साहित्यं | एतद् सहित्यस्य प्रकाराणि ऍवम् अस्ति, " '''आङ्ग्ल काव्यानि , ग्रीक रुद्रनाटकानि''' " च | अस्मिन् काले साहित्यस्य आदिक परिवृद्धिं " बी.एम.श्री " उपाकृतवान् | अस्मिन् कालस्य प्रसिद्ध कवय: :-
१. कुवेम्पु
२. बी.एम.श्री
३.के.एस.नरसिंहस्वमि
४.प्रो.निसार अहमद
५.डी.वि.जी ...इत्यादि |
"https://sa.wikipedia.org/wiki/विकिपीडिया:प्रयोगपृष्ठम्" इत्यस्माद् प्रतिप्राप्तम्