"काली" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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पङ्क्तिः ५:
ॐ क्रीं काल्यै नमः ॥
'''बीज मन्त्र'''
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेस्वारी कालीके स्वाहा ॥
'''गायत्री मन्त्र'''
ॐ महाकाल्यै च विद्महे श्मशानवासिन्यै च धीमहि ।
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