वाकुळाभरणम्
कर्णाटकसङ्गीते १४तम मेलकर्तारागः भवति वाकुळाभरणम्।
लक्षणः, घटना वा
सम्पादयतु- आरॉहणम् स रि१ ग३ म१ प ध१ नि २ स
- अवरॉहणम् स नि२ ध१ प म१ ग३ रि१ स
कृतयः
सम्पादयतुकृतिः | कर्ता |
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नम्पियेन् अय्या | कोटीश्वर अय्यर् |
रामम् नमामि | मैसूर् वसुदेवाचार्यः |
ये रामुनि नम्मितिनो | त्यागराज स्वामिकळ् |
एलैपङ्गाल | वेदनायकम् पिल्ला |
इन्त वेदम् नी | पल्लवि शेषय्यर् |
अवलम्बम्
सम्पादयतुhttp://www.scribd.com/doc/3081383/CARNATIC-MUSIC-COMPOSITION-DATABASE