"०४. ज्ञानकर्मसंन्यासयोगः" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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[[File:Bhagvad Gita.jpg|thumb|right|300px|गीतोपदेशः]]
चतुर्थाध्यायस्य नाम ज्ञानविज्ञानयोगः इति उच्यते ।
==अध्यायसारः==▼
==श्लोकानाम् आवलिः==▼
:[[४.१ इमं विवस्वते...]]▼
:[[४.२ एवं परम्परा.....]]▼
:[[४.३ स एवायम्.....]]▼
:[[४.४ अपरं भवतो...]]▼
:[[४.५ बहूनि मे.....]]▼
:[[४.६ अजोऽपि सन्...]]▼
:[[४.७ यदा यदा हि..]]▼
:[[४.८ परित्राणाय...]]▼
:[[४.९ जन्म कर्म च...]]▼
:[[४.१० वीतरागभयं....]]▼
{| class="toccolours" style="float: right; margin: 0 0 1em 1em; font-size: 90%; width: 150px;"
! style="background: #ccf; text-align: center;" |भगवद्गीतायाः अध्यायाः<br/>
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#[[१८.मोक्षसंन्यासयोगः|मोक्षसंन्यासयोगः]]
|}
▲==अध्यायसारः==
▲==श्लोकानाम् आवलिः==
▲:[[४.१ इमं विवस्वते...]]
▲:[[४.२ एवं परम्परा.....]]
▲:[[४.३ स एवायम्.....]]
▲:[[४.४ अपरं भवतो...]]
▲:[[४.५ बहूनि मे.....]]
▲:[[४.६ अजोऽपि सन्...]]
▲:[[४.७ यदा यदा हि..]]
▲:[[४.८ परित्राणाय...]]
▲:[[४.९ जन्म कर्म च...]]
▲:[[४.१० वीतरागभयं....]]
:[[४.११ ये यथा माम्...]]
:[[४.१२ काङ्क्षन्तः....]]
Line ६८ ⟶ ७०:
:[[४.४१ योगसन्यस्तं...]]
:[[४.४२ तस्मादज्ञानं...]]
==सम्बद्धसम्पर्कतन्तुः==
*[http://wikisource.org/wiki/भगवद्गीता भगवद्गीता] (मूलश्लिकाः)
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