सदस्यः:1910480deekshabh/प्रयोगपृष्ठम्
मित्रभेदः
सम्पादयतुमित्रभेदः विष्णुशर्मा विरचिथ कथा पुस्थाक पञ्चतन्थ्रस्य भाग: अस्थि | मित्रभेदस्य तन्त्रे एका प्रमुखा कथा अस्ति | थस्य कथेस्य प्रमुक अन्तर्गततया पिङ्गलक नाम वनराज संजीवक नाम वृषभ करटक धमन्क नमस्य शुर्गल च आसित | पञ्चतन्त्रे मित्रभेदं तन्त्रं प्रथम तन्त्रं अस्थि |इमं पञ्चन्तन्त्रे प्रायः ४५% उपादत्ते |दक्षिणापथे महिलरोप्यम् नाम नगरे आसीत्| थद नगरे वर्धमान नामास्य एक सार्थवा वास्यथि | सः संजीवकस्य राज अस्थि| सः संजीवकस्य साकम् वन अटतुम् गाचथि | पिङ्गलक दमनकस्य सहायत संजीवकं ज्ञात | संजीवक पिन्गलको आप्त: अभवत् | तत् कारण पिङ्लकहा स्वराजं त्यक्तवान् | तत् कारण पशु असुरक्षित उपात्त | सर्व विषयं ज्ञानत्व दमनक करटक संजीवक पिङ्गलक मध्ये मित्रबेधं भावित | पञ्चतन्त्रे एतत्त तन्त्रे अथ्यन्थ दीर्घतमा अस्ति |
मित्रभेदं अनेक कथं अस्ति अन्य कथेषु समवायसम्बन्ध वर्णयति वर्तन्ते :
१. मूर्ख वानर कथा | २. शृगाल दुन्धुबी कथा| ३. नृपति दन्तिल गोरम्भककथा | ४. दूते जम्बुका पाढभूति कथा | ५. विष्णु रूपधृक्कौलिक कथा | ६. काकी कृष्णसप कथा | ७. बक कर्कटक कथा | ८. सिंह शशक कथा | ९. मन्दविसर्षिणी मत्कुण कथा | १०. चण्डर शृगाल कथा | ११. उष्ट्र काकादि कथा | १२. टिट्टिभ समुद्र कथा | १३. मूर्ख कच्छप कथा | १४. मत्स्य त्रय कथा | १५. चटक कुञ्जर कथा | १६. सिंह शृगाल कथा | १७. सूचीमुख वानरयूथ कथा | १८. वानर चटकदम्पति कथा | १९. धर्मबुद्धि पापबुद्धि कथा | २०. बक नकुल कथा | २१. लोहतुला णिवपुत्र कथा | २२. नृपसेवकवानर कथा | २३. चरित्र हरण कथा |
मित्रयोः भेदोपस्थापनम् एव एतस्य तन्त्रस्य उद्देश्यम् अस्ति। तयोः शृगालयोः माध्यमेन याः उपकथाः सन्ति तासु पशु-पक्षिणां मनोहारि नीतिप्रदं हृदयाह्लाददायकं च वर्णनं विद्यते।